Getting My Hindi stories To Work

उसकी मां अपने लंबे से सूंढ़ में लपेट कर चिंटू को जमीन पर ले आती है।

प्रकृति से मिली हुई चीज को सम्मान पूर्वक स्वीकार करना चाहिए वरना जान खतरे में पड़ सकती है।



सियार सीधा राजा के पास गया और वहां जा के सियार ने किसान के बारे में राजा को सब बताया। राजा बहुत दिन से अपने खेतों के लिए एक ऐसा ही मेहनती किसान ढूंढ रहा था और उसने सियार से किसान को राजमहल लाने को कहा।

यह बच्चों के लिए एक गुजराती लोक कथा है।

उन्होंने देखा बच्चे पीपल के पेड़ के नीचे खेल रहे हैं। वह विषधर को परेशान कर रहे थे। विषधर कुछ नहीं कर रहा है।

घर आकर मां को मक्खियों के बारे में बताया। वह हमारे खाने को गंदा कर देती है। घर में आकर गंदगी फैल आती है। इसे घर से बाहर भगाना चाहिए।

!.......नीचे मंडप में पंडित जी कलश स्थापना कर रहे थे. खिड़की से सिर टेके खड़ी गौरी चुपचाप सारे काम...

राजू पार्क में उदास बैठा था , आज उसके दोस्त खेलने नहीं आए थे। राजू के पास एक गेंद थी , किंतु बैट और मित्र नहीं थे। वह अकेले ही गेंद के साथ मायूसी से खेल रहा था। पार्क में अन्य बालक भी क्रिकेट खेल रहे small hindi stories with moral थे , किंतु राजू उन्हें जानता नहीं था। इसलिए वह अकेला ही कभी गेंद से खेलता और कभी बैठ कर उन बालकों को खेलता हुआ देखता रहता।

घसीटते -घसीटते वह अपने घर पहुंच गई। उसके मम्मी – पापा और भाई-बहनों ने देखा तो वह भी दौड़कर आ गए। टॉफी उठाकर अपने घर के अंदर ले गए।

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एक गाँव में एक गरीब ब्राह्मण रहता था। ब्राह्मण अनपढ़ था इसलिए वह कोई काम नहीं कर सकता था। एक दिन ब्राह्मण की पत्नी ने उसे राजा के पास अपनी समस्या ले कर जाने की सलाह दी। ब्राह्मण ने राजा के पास जा कर उसे आशीर्वाद दिया। राजा ने ब्राह्मण से खुश हो कर एक पर्ची दी और उस पर्ची को खजांची के पास ले जा कर अपना इनाम लेने को कहा। ब्राह्मण बहुत खुश हुआ। वह अक्सर राजा के पास आने लगा।

ये कहानी ऐसे दो लोगों की है कि एक एहसास में पुरी आस , प्यार का इज़हार किए बिना भी प्यार निभाना बहुत बड़ी बात है। एक दूसरे को देखे बिना क्या कोई प्यार कर सकता है।। प्यार का नाम बलिद...

जैसे ही उसने पिंजरा खोला, बाघ उस आदमी पर झपट पड़ा। भूखे बाघ ने ब्राह्मण को खाने से पहले तीन सवाल पूछने का मौका दिया। ब्राह्मण ने एक सवाल पीपल के पेड़ से, एक भैंस से और आखिरी सवाल सड़क से पूछा। सभी उत्तरों से निराश होकर वह वापस जा रहा था। तभी उसकी मुलाकात एक सियार से हुई। जानिए कैसे चतुर सियार ने ब्राह्मण को भूखे बाघ से बचाने के लिए बाघ के सामने गूंगे और मूर्खों वाला काम किया।

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